Rice Price Increase : जापान में चावल की कीमतें बहुत तेज़ी से बढ़ रही हैं, जिससे लोगों को खाद्य सुरक्षा की चिंता सताने लगी है। मई में चावल की कीमतें पिछले साल के मुकाबले 98 फीसदी ज़्यादा हो गईं, जिससे आम आदमी पर काफी बोझ पड़ रहा है। इस कीमतों में उछाल की कई वजहें हैं, जैसे उत्पादन में कमी, वैश्विक अस्थिरता, जलवायु परिवर्तन और जापान में छोटे पैमाने पर खेती की चुनौतियाँ। 2023 की भयंकर गर्मी ने चावल की फसल को बुरी तरह नुकसान पहुँचाया, और पिछले साल अगस्त में भूकंप की चेतावनी के बाद लोगों ने घबराकर चावल जमा करना शुरू कर दिया, जिससे बाज़ार में इसकी और कमी हो गई।
चावल की कीमतों को काबू में करने के लिए क्या कर रही है जापान की सरकार
जापान सरकार ने बढ़ती कीमतों से निपटने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने अपने आपातकालीन चावल भंडार से अतिरिक्त 2 लाख टन चावल बाजार में जारी करने का फैसला किया है, जो उनके कुल 9.10 लाख टन के भंडार का हिस्सा है। इसके अलावा, 2020 और 2021 की फसल से 1 लाख टन चावल भी दो चरणों में उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि आम लोगों पर महंगाई का बोझ कम हो, इसलिए वे चावल की बिक्री नीलामी के बजाय सीधे खुदरा विक्रेताओं को तय कीमत पर करेंगे। चावल की बढ़ती कीमतों के कारण जापान में महंगाई भी बढ़ गई है; मई 2025 में देश की महंगाई दर 3.6% रही, जो जापान के सेंट्रल बैंक के 2% के लक्ष्य से काफी अधिक है। इस स्थिति से निपटने के लिए, जापान ने कई सालों बाद पहली बार दक्षिण कोरिया से चावल का आयात भी शुरू किया है।
जापान में क्या है अब बड़ी चुनौतियां
जापान का कृषि क्षेत्र एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है, जहाँ छोटे खेतों पर काम करने वाले अधिकतर किसान बुजुर्ग हैं और युवा पीढ़ी का खेती से मोह भंग हो रहा है। जापानी कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 90% किसान 60 वर्ष से अधिक उम्र के हैं, और 70% के पास उनका काम संभालने वाला कोई उत्तराधिकारी नहीं है। चावल की खेती के लिए उपलब्ध भूमि भी तेजी से घट रही है; 1961 में जहाँ 3.4 मिलियन हेक्टेयर भूमि थी, वहीं अब यह घटकर 2.3 मिलियन हेक्टेयर रह गई है। पूर्व कृषि मंत्री ताकु एटो के चावल संबंधी विवादित बयान और इस्तीफे के बाद, नए मंत्री शिंजिरो कोइजुमी ने इस संकट से निपटने के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि 5 किलो चावल के पैकेट की कीमत लगभग 2,000 येन (लगभग 14 डॉलर) होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कृषि संकट के कारण जापान को कृषि आयात बढ़ाने और व्यापारिक बाधाओं को कम करने पर विचार करना पड़ सकता है, जिससे अमेरिका के साथ चल रही व्यापार वार्ताओं में जापान की स्थिति कमजोर हो सकती है, क्योंकि अमेरिका जापान पर अधिक कृषि उत्पाद, विशेष रूप से चावल, आयात करने का दबाव बना रहा है।